Sandhi Ki Paribhasha Bhed Aur Example Hindi Mai
Table of Contents
संधि: संस्कृत और हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग
🔶 1. भूमिका (परिचय)
भाषा केवल अभिव्यक्ति के माध्यम तक ही सीमित नहीं है बल्कि अब वह पहचान और संवाद का तरीका भी होती है | मनुष्य के द्वारा भाषा को सरल ,सुन्दर , स्पष्ट और प्रभावशाली बनाने के लिए व्याकरण की सहायता ली जाती है। Hindi व्याकरण के कई ऐसे भाग होते हैं, जिनमें से ‘संधि’ का विशेष स्थान है। जब कोई दो शब्द आपस में मिलकर एक नए शब्द का निर्माण करते है तो इस प्रक्रिया को संधि कहते है | संधि का उपयोग से भाषा को पहले के मुकाबले अर्थपूर्ण , लयबद्ध,एवं संक्षिप्त बनाने के लिए किया जाता है |
🔶 संधि की परिभाषा| संधि किसे कहते हैं ?
संधि शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है | जिसका मतलब है ” मेल ” – मिलना या जोड़ना | “जब दो वर्णों को आपस में जोड़ा जाता है, तो उनके मेल से जो विकार और ध्वनि उत्पन्न होती है, उस प्रक्रिया को ‘संधि‘ कहा जाता है।”
या “दो वर्णों के मेल से उत्पन्न होने वाले ध्वनि परिवर्तन की प्रक्रिया को संधि कहते हैं।”
📌 उदाहरण:
- राम + ईश्वर = रामेश्वर
- गुण + आत्मा = गुणात्मा
इसमें “राम” और “ईश्वर” दोनों शब्द मिलकर एक नए रूप में आ गए, जिसका उच्चारण अधिक सहज और सुंदर हो गया।
🔶 3. संधि के प्रकार

संधि को तीन मुख्य भागों में बाँटा गया है:
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
(1) स्वर संधि
स्वर और वर्ण के मेल से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, उसे स्वर संधि कहते हैं। | या जब दो स्वरों या वर्णों के मेल से नई ध्वनि का निर्माण होता है, तो उसे स्वर संधि कहते हैं।
स्वर संधि के उदाहरण :
- सु + इन्दु = सुविन्दु
- राजा + इन्द्र = राजेन्द्र
स्वर संधि के कितने भेद होते है ?
स्वर संधि के 5 भेद होते है जो की इस प्रकार है |
(i) दीर्घ स्वर संधि |
(ii) गुण स्वर संधि |
(iii) वृद्धि स्वर संधि |
(iv) यण् स्वर संधि |
(v) अयादि स्वर संधि ।
(i)दीर्घ स्वर संधि की परिभाषा |दीर्घ स्वर संधि किसे कहते हैं?
जब दो समान ह्रस्व या दीर्घ स्वर मिलकर एक दीर्घ स्वर बनाते हैं, तो उसे दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।
“जब दो समान या सजातीय स्वर वर्णों (जैसे अ-आ, इ-ई, उ-ऊ, ऋ-ॠ) का मेल होता है, तो उनके संयोग से जो ध्वनि परिवर्तन उत्पन्न होता है, उसे दीर्घ स्वर संधि कहा जाता है।”
उदाहरण:
- राम + ईश्वर = रामेश्वर
(अ + ई = ए) - राजा + इन्द्र = राजेन्द्र
(आ + इ = ए)
(ii) गुण स्वर संधि
जब “अ” या “आ” के बाद “इ”, “ई”, “उ”, “ऊ” आता है, तो वे मिलकर “ए” या “ओ” में बदल जाते हैं — इसे गुण स्वर संधि कहते हैं।
जैसे :
“गुण स्वर संधि के कुछ नियम होते हैं, जो इस प्रकार हैं:”
जब पहले शब्द का अंत “अ”, “आ”, “इ”, “ई”, “उ”, “ऊ” में से किसी स्वर पर हो और अगले शब्द की शुरुआत “अ”, “इ”, “उ” से हो, तो इन स्वरों का मेल होकर गुण स्वर उत्पन्न होता है।
| मूल स्वर मेल | परिणामी स्वर (गुण) |
| अ + अ = | अ |
| अ + इ = | ए |
| अ + उ = | ओ |
🟢 उदाहरण:
- रमा + इश्वर = रामेश्वर
(अ + इ = ए) - गुरु + उदय = गुरोदय
(उ + अ = ओ) - भव + इन्द्र = भवेन्द्र
(अ + इ = ए)
(iii) वृद्धि स्वर संधि की परिभाषा | वृद्धि स्वर संधि किसे कहते है ?
जब पहले शब्द का अंतिम स्वर अ, आ, इ, ई, उ, या ऊ हो और दूसरे शब्द की शुरुआत अ, इ, या उ से हो, तो उनके मेल से एक वृद्धि स्वर उत्पन्न होता है। इस परिवर्तन की प्रक्रिया को वृद्धि स्वर संधि कहते हैं।
वृद्धि स्वर संधि के उदाहरण :
1)देवोषा : देव + उषा |
अ + उ = औ
2) जनेन्द्र: जन + इन्द्र |
अ + इ = ऐ
वृद्धि स्वर संधि के कुछ नियम होते है जो की इस प्रकार है :
✅ नियम 1:
यदि पहले शब्द का अंत अ / आ पर हो और दूसरे शब्द की शुरुआत इ / ई से हो, तो संधि में ऐ (वृद्धि स्वर) हो जाता है।
🔸 उदाहरण:
- राज + इन्द्र = राजेन्द्र
(अ + इ = ऐ)
✅ नियम 2:
यदि पहले शब्द का अंत अ / आ पर हो और दूसरे शब्द की शुरुआत उ / ऊ से हो, तो संधि में औ (वृद्धि स्वर) हो जाता है।
🔸 उदाहरण:
- भग + उष = भगोष
(अ + उ = औ)
(iv ) यण् स्वर संधि की परिभाषा | यण् स्वर संधि किसे कहते है ?
जब किसी शब्द का अंतिम स्वर इ, ई, उ, ऊ, ऋ हो और उसके बाद दूसरे शब्द की शुरुआत स्वर (अ आदि) से हो, तो पहले शब्द के स्वर का यण् वर्ण (य, व, र) में परिवर्तन हो जाता है। इस प्रक्रिया को यण् स्वर संधि कहते हैं।
मत्यान्ध: मति + अन्ध
इ + अ = य
गुर्यीश्वर:गुरु + ईश्वर
उ + ई = य
यण् स्वर संधि के कुछ नियम होते है जो की इस प्रकार है
✅ नियम 1:
यदि पहले शब्द का अंतिम स्वर इ या ई हो और अगले शब्द की शुरुआत स्वर (जैसे अ) से हो, तो इ / ई → य में बदल जाता है।
🔸 उदाहरण:
- मति + अन्ध = मत्यान्ध
(इ + अ → य)
✅ नियम 2:
यदि पहले शब्द का अंतिम स्वर उ या ऊ हो और अगले शब्द की शुरुआत स्वर से हो, तो उ / ऊ → व में बदल जाता है।
🔸 उदाहरण:
- गुरु + अर्चना = गुरवर्चना
(उ + अ → व)
✅ नियम 3:
यदि पहले शब्द का अंत ऋ पर हो और अगला शब्द स्वर से शुरू होता हो, तो ऋ → र में बदल जाता है।
🔸 उदाहरण:
- कृ + अर्णव = क्रर्णव
(ऋ + अ → र)
(v) अयादि स्वर संधि की परिभाषा | अयादि स्वर संधि किसे कहते है ?
जब किसी पद का अंत ए, ओ, ऐ, औ स्वर में होता है और उसके बाद दूसरे पद की शुरुआत स्वर से होती है, तो पहले पद के अंतिम स्वर का अयादि रूपांतरण (य, व आदि) हो जाता है। इस प्रक्रिया को अयादि स्वर संधि कहा जाता है।
नाययम् :नै + अयम् | ऐ → आय्
गावश्व: गौ + अश्व | औ → आव्
अयादि स्वर संधि के कुछ नियम होते है जो की इस प्रकार है
✅ नियम 1:
यदि पहले पद का अंतिम स्वर ए हो और अगले पद की शुरुआत स्वर (जैसे अ) से हो, तो ए → अय् हो जाता है।
🔸 उदाहरण:
- गिरि + इश = गिर्येश
(ए + इ → अय् + इ = यि)
✅ नियम 2:
यदि पहले पद का अंतिम स्वर ओ हो और अगले पद की शुरुआत स्वर से हो, तो ओ → अव् में बदलता है।
🔸 उदाहरण:
- रामो + उवाच = रामवुवाच
(ओ + उ → अव् + उ = वु)
✅ नियम 3:
यदि पहला पद ऐ पर समाप्त हो, तो वह आय् में बदलता है।
🔸 उदाहरण:
- नै + अयम् = नाययम्
(ऐ + अ → आय् + अ)
✅ नियम 4:
यदि पहला पद औ पर समाप्त हो, तो वह आव् में बदलता है।
🔸 उदाहरण:
- गौ + अश्व = गावश्व
(औ + अ → आव् + अ)
(2) व्यंजन संधि किसे कहते है ?
जब किसी शब्द का अंत व्यंजन (consonant) पर होता है और दूसरा शब्द, स्वर या व्यंजन से शुरू होता है, तब दोनों के मेल से जो ध्वनि परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
सरल शब्दों में:
जब दो शब्द मिलते हैं और पहले शब्द का अंत व्यंजन से होता है, तब जो संधि बनती है — वह व्यंजन संधि कहलाती है।
📌 उदाहरण:
- सत् + गुण = सत्त्वगुण
- तद् + ज्ञान = तज्ज्ञान
(3) विसर्ग संधि किसे कहते हैं ? विसर्ग संधि की परिभाषा |
जबा भी किसी शब्द का अंत या शब्द के अंत में विसर्ग (ः) आता है और उसके बाद स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार या ध्वनि उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है
📌 उदाहरण:
- दुः + ख = दुःख
- मुनिः + इन्द्र = मुनिंद्र
विसर्ग संधि के कुछ अन्य उदाहरण
मूल शब्द (Before Sandhi)
रामः + इति राम इति
गुरुः + अर्थ गुरुरर्थ
लोकः + इश्वरः लोकेश्वरः
छात्रः + ईश्वरः छात्रेश्वरः
दुःखः + अधिक दुःखाधिक
प्रभुः + आदेशः प्रभ्वादेशः
स्वः + लोकः स्वर्लोकः
कर्मः + इति कर्म इति विसर्ग
राजा + हरिः राजाहरिः
देवः + उवाच देवोवाच
🔶 4. संधि का महत्व
संधि न केवल शब्दों को जोड़ने का नियम है, बल्कि यह भाषा की सुंदरता को भी बढ़ाता है। इससे वाक्य संक्षिप्त, प्रभावशाली और काव्यात्मक बनते हैं।
📌 जैसे: “राजेन्द्र” शब्द केवल “राजा” और “इन्द्र” को जोड़ने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक नए भाव और अर्थ को भी जन्म देता है।
संधि का ज्ञान होने से छात्र संस्कृत श्लोक, हिंदी कविता और ग्रंथों को अधिक सही ढंग से समझ सकते हैं।
🔶 5. संधि विच्छेद (Sandhi Viched)
संधि विच्छेद का अर्थ है — संधि किए गए शब्द को फिर से उसके मूल शब्दों में विभाजित करना। इससे यह समझना आसान हो जाता है कि किसी शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई है।
📌 उदाहरण:
- महादेव = महा + देव
- विद्यालय = विद्या + आलय
- लोकप्रिय = लोक + प्रिय
संधि से संबंधित 15 लघु प्रश्न एवं उत्तर (उदाहरण सहित):
संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: दो वर्णों के मेल से उत्पन्न ध्वनि या विकार को संधि कहते हैं।
उदाहरण: धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
संधि के कितने भेद होते हैं?
उत्तर: संधि के तीन भेद होते हैं—स्वर संधि, व्यंजन संधि, विसर्ग संधि
स्वर संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब दो स्वर वर्ण मिलते हैं और उनमें परिवर्तन होता है, तो उसे स्वर संधि कहते हैं।
उदाहरण: महा + आशय = महाशय
स्वर संधि के कितने प्रकार हैं?
उत्तर: स्वर संधि के पाँच प्रकार हैं—दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि संधि
दीर्घ संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: दो समान या सजातीय स्वरों के मिलने पर जो दीर्घ स्वर बनता है, उसे दीर्घ संधि कहते हैं।
उदाहरण: विद्या + आलय = विद्यालय
गुण संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब अ/आ के बाद इ/ई, उ/ऊ, ऋ आते हैं, तो क्रमशः ए, ओ, अर बनते हैं।
उदाहरण: नर + इन्द्र = नरेन्द्र
वृद्धि संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब अ/आ के बाद ए/ऐ, ओ/औ आते हैं, तो क्रमशः ऐ, औ बनते हैं।
उदाहरण: एक + एक = एकैक
यण संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: इ, ई, उ, ऊ, ऋ के बाद अन्य स्वर आने पर वे क्रमशः य, व, र आदि में बदल जाते हैं।
उदाहरण: अति + अन्त = अत्यन्त
अयादि संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब ए, ऐ, ओ, औ के साथ अन्य स्वर आते हैं, तो वे क्रमशः अय्, आय्, अव्, आव् बनते हैं।
उदाहरण: ने + अन = नयनम्
व्यंजन संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब दो व्यंजन या व्यंजन और स्वर के मेल से परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
उदाहरण: सत् + जन = सज्जन
विसर्ग संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन आता है तो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
उदाहरण: दुः + ख = दुःख
दीर्घ संधि का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: हिम + आलय = हिमालय
गुण संधि का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: राम + इन्द्र = रामेन्द्र
वृद्धि संधि का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: मत + ऐक्य = मतैक्य
संधि विच्छेद किसे कहते हैं?
उत्तर: संधि से बने शब्द को उसके मूल रूपों में अलग करना संधि विच्छेद कहलाता है।
उदाहरण: विद्यालय = विद्या + आलय
📘 संधि पर आधारित 25 MCQ प्रश्न (उत्तर सहित)
1️⃣ प्रश्न: ‘राम + ईश्वर’ में कौन-सी संधि है?
A) यण् संधि
B) गुण संधि ✅
C) अयादि संधि
D) दीर्घ संधि
2️⃣ प्रश्न: ‘गुरु + उदय’ का सही संधि रूप क्या होगा?
A) गुरौदय
B) गुरवुदय
C) गुरूदय
D) गुरोदय ✅
3️⃣ प्रश्न: ‘मति + अन्ध’ का संधि रूप क्या होगा?
A) मतअन्ध
B) मत्यन्ध
C) मत्यान्ध ✅
D) मतीन्ध
4️⃣ प्रश्न: ‘देव + ईश’ किस प्रकार की संधि है?
A) यण्
B) वृद्धि
C) दीर्घ ✅
D) अयादि
5️⃣ प्रश्न: ‘राज + इन्द्र’ में कौन-सी संधि है?
A) गुण संधि
B) वृद्धि संधि ✅
C) अयादि संधि
D) यण् संधि
6️⃣ प्रश्न: ‘गिरि + ईश’ का संधि रूप क्या होगा?
A) गिरिश
B) गिर्यीश
C) गिर्येश ✅
D) गिरेन्द्र
7️⃣ प्रश्न: ‘अग्नि + इन्द्र’ का सही संधि रूप क्या है?1️⃣1️⃣ प्रश्न: ‘मति + इन्द्र’ = ?
A) अग्न्येन्द्र ✅
B) अग्नीन्द्र
C) अग्निन्द्र
D) अग्नेद्र
8️⃣ प्रश्न: ‘पुत्र + ऋषि’ में कौन-सी संधि है?
A) दीर्घ
B) यण् ✅
C) अयादि
D) गुण
9️⃣ प्रश्न: ‘भव + इन्द्र’ का संधि रूप क्या होगा?
A) भविन्द्र
B) भवेन्द्र ✅
C) भवेन्द्रा
D) भावेन्द्र
🔟 प्रश्न: ‘गौ + अंश’ किस प्रकार की संधि है?
A) अयादि ✅
B) यण्
C) वृद्धि
D) गुण
1️⃣1️⃣ प्रश्न: ‘मति + इन्द्र’ = ?
A) मतीन्द्र ✅
B) मतिन्द्र
C) मतयिन्द्र
D) मत्येन्द्र
1️⃣2️⃣ प्रश्न: ‘राजा + इन्द्र’ में किस प्रकार की संधि होगी?
A) वृद्धि
B) गुण ✅
C) यण्
D) अयादि
1️⃣3️⃣ प्रश्न: ‘विद्या + आलय’ का संधि रूप क्या होगा?
A) विद्याल्य
B) विद्यायालय ✅
C) विद्यालाय
D) विदालय
1️⃣4️⃣ प्रश्न: ‘जन + इन्द्र’ का सही संधि रूप क्या होगा?
A) जनिन्द्र
B) जनैन्द्र
C) जनेन्द्र ✅
D) जनोन्द्र
1️⃣5️⃣ प्रश्न: ‘गुरु + अशिष’ का संधि रूप है —
A) गुरवशिष ✅
B) गुरुशिष
C) गुराशिष
D) गुरूशिष
1️⃣6️⃣ प्रश्न: ‘कृ + अर्णव’ = ?
A) कृर्णव
B) क्रर्णव ✅
C) करर्णव
D) कर्णव
1️⃣7️⃣ प्रश्न: ‘नै + अयम्’ किस संधि का उदाहरण है?
A) अयादि संधि ✅
B) गुण संधि
C) यण् संधि
D) दीर्घ संधि
1️⃣8️⃣ प्रश्न: ‘रामो + उवाच’ में संधि परिणाम क्या है?
A) रामोषुवाच
B) रामूवाच
C) रामवुवाच ✅
D) रामवोवाच
1️⃣9️⃣ प्रश्न: ‘गौ + अश्व’ = ?
A) गोश्व
B) गावश्व ✅
C) गौश्व
D) गोअश्व
2️⃣0️⃣ प्रश्न: ‘सुर + उदय’ = ?
A) सुरदय
B) सुरावदय
C) सुरोद
D) सुरोदय ✅
2️⃣1️⃣ प्रश्न: ‘भृगु + अंश’ का सही संधि रूप क्या है?
A) भृगांश
B) भृग्वंश
C) भृवंश ✅
D) भृगुंश
2️⃣2️⃣ प्रश्न: ‘नै’ + ‘अयम्’ = ?
A) नैययम्
B) नाययम् ✅
C) नेअयम्
D) निअयम्
2️⃣3️⃣ प्रश्न: ‘भव’ + ‘अवतार’ = ?
A) भावतार ✅
B) भवेवतार
C) भवावतार
D) भावेन्द्र
2️⃣4️⃣ प्रश्न: ‘लोक’ + ‘ईश्वर’ का संधि रूप है —
A) लोकेश्वर ✅
B) लोकिश्वर
C) लोक्यश्वर
D) लोकेश
2️⃣5️⃣ प्रश्न: ‘दिव’ + ‘इश’ = ?
A) दिवेश
B) देवेश ✅
C) दीवेश
D) दिवीश






