
शब्द क्या है? शब्द के भेद (रूढ़, योगिक, योग, मिश्र)
प्रिय छात्रों आपका स्वागत आज के इस लेख में | आज का यह लेख बहुत खास होने वाला है आज के इस लेख में, मैं आपको शब्द के बारे में जानकारी देना वाला हूँ और आज हम यह जानेगा की
- शब्द किसे कहते है ?
- व्याकरण में शब्दों का महत्त्व |
- इसका कितने भेद/प्रकार होते है ?
- शब्दों का निर्माण किस प्रकार होता है ?
- शब्दों के उदाहरण |
इन सभी सवालो का जवाब जानने के इस लेख को अंत तक पढ़िए |
Table of Contents
शब्द किसे कहते है ?
परिभाषा: “दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक मेल से बना एक अर्थपूर्ण समूह को ‘शब्द’ कहा जाता है। शब्द को भाषा की सबसे छोटी अर्थपूर्ण इकाई माना जाता है।”
सरल शब्दों में :जब कोई दो या दो से ज़्यादा अक्षर मिलकर एक अर्थपूर्ण समूह का निर्माण करते है तो उसको शब्द कहते है |
जब हम बोलते या लिखते हैं, तो हम अक्षरों (letters) या वर्णों (sounds) का इस्तेमाल करते हैं। अकेला अक्षर (जैसे: क, म, ल) अपने आप में कोई पूरा अर्थ नहीं बताता, लेकिन जब दो या दो से अधिक अक्षर मिल जाते हैं (जैसे: क + म + ल = कमल), तो एक नया अर्थ निकलता है। ऐसे अर्थपूर्ण समूह को ही शब्द कहते हैं।
- प्रकाश : (प्र + क + ा + श = प्रकाश, जिसका अर्थ है-रोशनी)
- संगीत: (स + ं + ग + ी + त = संगीत, जिसका अर्थ है-मधुर ध्वनि या म्यूजिक)
- विज्ञान: (वि + ज्ञा + न = विज्ञान, जिसका अर्थ है-साइंस)
- पर्यावरण: (प + र् + य + ा + व + र + ण = पर्यावरण, जिसका अर्थ है-Environment)
- संस्कृति :(स + ं + स् + क + ृ + त + ि = संस्कृति, जिसका अर्थ है-Culture)
अन्य उदाहरण : मैं , यह , वह ,तुम ,अब, तब , क्यों , कब , स्कूल , घर, किताब , खेल आदि |
शब्द के मुख्य बिंदु:
- शब्द अक्षरों या ध्वनियों से मिलकर बनते हैं।
- शब्द का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है।
- शब्द वाक्य का निर्माण करते हैं।
व्याकरण में शब्द का महत्व को जानिए
- किसी भी भाषा को बोलना और लिखने के लिए शब्दों का प्रयोग किया जाता है |
- शब्द किसी भी भाषा का सबसे महत्वपूर्ण घटक (महत्वपूर्ण अंग) है|
- शब्द विचारों, भावनाओं और जानकारियों को व्यक्त करने का मुख्य माध्यम हैं|
- किसी भी उच्चारित ध्वनि को लिखित रूप में व्यक्त करने के लिए ‘शब्द’ का प्रयोग किया जाता है।” जैसे : गुलाब, कमल, सूरजमुखी ,क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी आदि |
- शब्दों की सहायता से वाक्यों का निर्माण होता है |
जैसे : राम हर रोज स्कूल जाता है |
सीता ने परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल किया है |
शब्द के भेद एवं प्रकार
शब्द के कुल चार भेद होते है जो की इस प्रकार है :
- व्युत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
- उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
- प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद
- अर्थ की दृष्टि से शब्द-भेद
अब हम इन चारो प्रकार के शब्द भेद को विस्तार से समझते है : व्युत्पत्ति का अर्थ है बनावट|
व्युत्पत्ति (बनावट)के आधार पर शब्दों को तीन भागो में विभाजित किया गया है
i. रूढ़ शब्द: “रूढ़ शब्द को अंग्रेज़ी में ‘Root Words’ या ‘Non-Derivable Words’ कहा जाता है। ‘रूढ़ शब्द’ उन शब्दों को कहा जाता है, जो कई वर्णों के मेल से बने होते हैं, लेकिन जिनके प्रत्येक वर्ण का कोई स्वतंत्र अर्थ नहीं होता। जैसे – ‘कमल’, ‘घर’, ‘नदी’ आदि। ये शब्द अपने-आप में संपूर्ण अर्थ रखते हैं, परंतु इनमें प्रयुक्त वर्णों को अलग करने पर उनका कोई स्पष्ट अर्थ नहीं निकलता।”
उदाहरण:
- कल (क + ल)
- चल (च + ल)
- फल (फ + ल)
- घर (ग + ह + र)
- जल (ज + ल)
इन शब्दों के किसी भी वर्ण (जैसे क, ल, च, फ, ज) का अपने-आप में कोई अर्थ नहीं है, लेकिन जब ये मिल जाते हैं, तो एक नया अर्थपूर्ण शब्द बनता है।
ii. यौगिक शब्द : “यौगिक शब्द को अंग्रेज़ी में Compound Word कहा जाता है। जब दो या दो से अधिक अर्थपूर्ण शब्दों को मिलाकर एक नया, पूर्ण और अर्थपूर्ण शब्द बनाया जाता है, तो उसे यौगिक शब्द कहते हैं।”
उदाहरण:
- राज + पुत्र = राजपुत्र
👉 अर्थ: राजा का पुत्र - जल + थल = जलथल
👉 अर्थ: जल और थल (पानी और ज़मीन) — दोनों स्थानों से संबंधित - सूर्य + उदय = सूर्योदय
👉 अर्थ: सूर्य का उदय (सूरज का निकलना)
इनमें दोनों शब्दों के अलग-अलग भी अर्थ हैं, और मिलकर एक नया अर्थ देते हैं — यही यौगिक शब्द की विशेषता है।
योगरूढ़ शब्द : जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया शब्द बनाएं और उस शब्द का अर्थ उसके मूल शब्दों से अलग हो जाए, तथा वह विशेष अर्थ में ही प्रचलित हो जाए, तो ऐसे शब्द को योगरूढ़ शब्द कहते हैं।”
जैसे :महात्मा
- महा + आत्मा = महान आत्मा
- लेकिन इसका सामान्य अर्थ है: साधु, संत या श्रेष्ठ व्यक्ति, न कि केवल “महान आत्मा”।
2. चक्रपाणि
- चक्र + पाणि = हाथ में चक्र रखने वाला → यह विशेष रूप से भगवान विष्णु को दर्शाता है।
3. मातृभूमि
- ‘माता’ + ‘भूमि’ = मातृभूमि
- अर्थ: जन्मभूमि, देश (यहाँ भी विशेष अर्थ है।)
उत्पत्ति के आधार पर शब्द-भेद
उत्पत्ति के आधार पर शब्द की 4 भेद होते है जो की इस प्रकार है :
तत्सम शब्द: तत्सम शब्द उन शब्दों को कहा जाता है, जो सीधे संस्कृत भाषा से लेकर हिंदी में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग किए जाते हैं।”
जैसे : अग्नि, सूर्य, विद्या, देव, जल, पुष्प
तद्भव शब्द: तद्भव शब्द से अभिप्राय उन शब्द से है जो शब्द संस्कृत के शब्दों से ही विकसित (रूपांतरित) होकर हिंदी में आए हैं और जिनका रूप थोड़ा बदल गया है।
- अग्नि → आग
- मातृ → माँ
- पुत्र → बेटा
- जिह्वा → जीभ
- नेत्र → आंख
- कर्ण → कान
देशज शब्द: “देशज शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी लोकभाषा, क्षेत्रीय बोली या प्राकृत भाषा से लिए गए होते हैं अथवा वहीं से उत्पन्न हुए होते हैं, और जिनका संस्कृत से कोई संबंध नहीं होता।”
सरल भाषा में:
“देशज शब्द वे हैं जो आम बोलचाल की भाषा, ग्रामीण क्षेत्रों या क्षेत्रीय बोलियों से आए होते हैं, न कि संस्कृत से।”
जैसे : लाठी, कूड़ा, चप्पल, छाता, घड़ा, भुट्टा, तलाशी
विदेशी या विदेशज शब्द: विदेशी शब्द उन शब्दों को कहा जाता है जो शब्द मूल रूप से विदेशी भाषा (अरबी , फ़ारसी, इंग्लिश , तुर्की आदि ) के है और उनका प्रयोग हिंदी भाषी लोग अपनी दिनचर्या में सामान्य रूप से करते हैं |
इन शब्दों को विदेशक शब्द भी कहा जाता है |
विदेशक शब्द के उदाहरण : स्कूल – (अंग्रेज़ी से)
- पेन – (अंग्रेज़ी से)
- दुकान – (अरबी से)
- दरवाज़ा – (फारसी से)
- बंदूक – (तुर्की से)
- कुली – (तुर्की से)
- हिसाब – (अरबी से)
- शरबत – (फारसी से)
- टोपी – (तुर्की से)
- डॉक्टर – (अंग्रेज़ी से)
प्रयोग के आधार पर शब्द-भेद
प्रयोग के आधार पर शब्द के आठ भेद होते है जो की इस प्रकार है :
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
- क्रिया-विशेषण
- संबंधबोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
इन आठों भेदों को दो मुख्य वर्गों में भी बांटा गया है विकारी और अविकारी |
| विकारी शब्द के अंतर्गत | अविकारी शब्द के अंतर्गत |
| संज्ञा | क्रिया-विशेषण |
| सर्वनाम | संबंधबोधक |
| विशेषण | समुच्चयबोधक |
| क्रिया | विस्मयादिबोधक |
“विकारी शब्द वे शब्द होते हैं जो वचन, लिंग, पुरुष, काल आदि के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।” उदाहरण :
- लड़का → लड़के, लड़की
- खेलता → खेलती, खेलेगा, खेल रहे हैं
- बड़ा → बड़ी, बड़े
- जाता → जाती, जाएंगे
- मैं → मुझे, मेरा
अवकारी शब्द , विकारी शब्द के वपरीत होते है , अवकारी शब्द ऐसे शब्दों को कहा जाता है जो अपना रूप नहीं बदलते है |
जैसे: आज, यहाँ, और, लेकिन, अरे, वाह। इनमें क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक आते हैं|
अर्थ की दृष्टि से शब्द के दो भेद होते है |
सार्थक शब्द और निरर्थक शब्द
सार्थक शब्द :जिन शब्दों का कोई निश्चित अर्थ होता है, यानी जिनका कोई मतलब या अर्थ निकलता है, उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं।
पुस्तक (Book), फूल (Flower), बच्चा (Child), पानी (Water), घर (House), जल (water) आदि |
इन शब्दों को सुनकर या पढ़कर हमारे मन में इन शब्द का अर्थ स्पष्ट हो जाता है या स्पष्ट चित्र बनता है।
निरर्थक शब्द : जिन शब्दों का कोई निश्चित अर्थ नहीं होता, यानी जिनका कोई मतलब नहीं निकलता, उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं।
अक्सर इनका प्रयोग सार्थक शब्दों के साथ किया जाता है|
खाना – वाना , पानी – वानी , उलटा-पुलटा, पढ़ाई-ढ़ाई ,घर-वर ,फल-वल,अलग-थलग आदि |
अर्थ के आधार पर शब्द प्रकार
अर्थ के आधार पर शब्द के चार (4 )प्रकार होते है चलिए अब जानते है की यह चार प्रकार कौन -कौन से है |
समानार्थक शब्द : “समानार्थी शब्द उन शब्दों को कहा जाता है जिनका अर्थ एक समान होता है। अर्थात, किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव को व्यक्त करने के लिए अलग-अलग शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन वे सभी शब्द उसी वस्तु या भाव की ओर संकेत करते हैं।”
जैसे:
- अग्नि – आग, पावक, अनल
- पृथ्वी – धरती, भूमि, वसुधा
- नदी – सरिता, तरंगिणी, तटिनी
- चंद्रमा – शशि, सोम, इंदु
- राजा – नरेश, भूपति, सम्राट
एकार्थक शब्द: “ऐसे शब्द जिनका केवल एक ही अर्थ होता है या जो केवल एक ही अर्थ को प्रकट करते हैं, उन्हें एकार्थक शब्द कहा जाता है।”
✅ एकार्थक शब्दों के उदाहरण (10 शब्द):
- सूरज – सूर्य के लिए
- पुस्तक – किताब के लिए
- कुत्ता – एक विशेष जानवर के लिए
- कलम – लिखने के यंत्र के लिए
- कंप्यूटर – एक इलेक्ट्रॉनिक यंत्र
- मोबाइल – मोबाइल फोन के लिए
- गाय – एक खास पालतू पशु के लिए
- पंखा – हवा देने वाले यंत्र के लिए
- कुर्सी – बैठने की वस्तु
- नक्शा – किसी स्थान की चित्रात्मक रूपरेखा
अनेकार्थक शब्द : हमारी हिंदी भाषा में कई ऐसे शब्द है उनका एक से ज़्यादा अर्थ होते है और ऐसे शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहते है या जब एक ही शब्द का प्रयोग अलग-अलग संदर्भों में किया जाए तो उन शब्दों को अनेकार्थी शब्द कहते है |
| शब्द | अर्थ 1 | अर्थ 2 |
| नयन | आँख | प्रिय व्यक्ति |
| कल | आने वाला दिन (भविष्य) | बीता हुआ दिन (भूतकाल) |
| हार | पराजय | गले का आभूषण |
| बाल | सिर के बाल | बच्चा |
| पत्थर | चट्टान | कठोर हृदय व्यक्ति |
| डाक | पत्र/चिट्ठी | डाक विभाग या डाकिया |
| माला | फूलों की माला | नामों की माला (सूची) |
| मुख | चेहरा | किसी चीज की शुरुआत (जैसे – नदीमुख) |
| फल | खाने वाला फल | परिणाम (जैसे – कर्म का फल) |
| कन्या | लड़की | एक राशि (ज्योतिष में – कन्या राशि) |
विपरीतार्थक शब्द : “विपरीतार्थक शब्द उन शब्दों को कहा जाता है जिनका अर्थ उस शब्द के अर्थ से विपरीत / उल्टा होता है।”
| शब्द | विपरीतार्थक शब्द |
| दिन | रात |
| अच्छा | बुरा |
| छोटा | बड़ा |
| सुख | दुख |
| जीवन | मृत्यु |
| उजाला | अंधेरा |
| नया | पुराना |
| आगे | पीछे |
| कड़वा | मीठा |
| सच | झूठ |
अभ्यास प्रश्न (Optional)
✅ MCQ प्रश्न – “शब्द” से जुड़े (उत्तर सहित):
1. समानार्थी शब्द किसे कहते हैं?
- जो एक ही उच्चारण वाले हों
- जो विलोम हों
- जिनका अर्थ एक जैसा हो
- जो कठिन हों
उत्तर: C
2. “फल” शब्द का कौन-सा अर्थ अनेकार्थी है?
- आम
- कर्म का परिणाम
- केले
- उपरोक्त सभी
उत्तर: D
3. “हार” शब्द के कितने मुख्य अर्थ होते हैं?
- एक
- दो
- तीन
- चार
उत्तर: B [पराजय और गहना]
4. एकार्थी शब्द का सही उदाहरण क्या है?
- हार
- कल
- सूरज
- फल
उत्तर: C
5. “बाल” शब्द का सही विलोम क्या हो सकता है?
- वृद्ध
- जवान
- युवा
- प्रौढ़
उत्तर: A
6. “डाक” शब्द अनेकार्थी क्यों है?
- यह केवल डाकिया के लिए है
- इसका कोई अर्थ नहीं
- ‘इसके एक से अधिक अर्थ हैं
- यह विशेषण है
उत्तर: C
7. “पुस्तक” शब्द किस श्रेणी में आता है?
- एकार्थी
- अनेकार्थी
- विलोम
- विशेषण
उत्तर: A
8. ‘राजा’ का समानार्थी शब्द क्या है?
- सेवक
- भूपति
- वीर
- मंत्री
उत्तर: B
9. “कल” शब्द का प्रयोग किस अर्थ में हो सकता है?
- भविष्य
- भूतकाल
- दोनों
- वर्तमान
उत्तर: C
10. “गाय” शब्द है –
- अनेकार्थी
- एकार्थी
- विलोम
- विशेषण
उत्तर: B
